Thursday, 20 December 2012

चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह । जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥

नींद निशानी मौत की, उठ कबीरा जाग और रसायन छाडी के नाम रसायन लाग . Neend Nishani Mout Ki Uttha Kabira Jaag Aur Rasayan Chaadi Ke Naam Rasayan Laag A state of being asleep is at par with the state of being dead. Therefore Kabir should get up. He should shun everything else and remember the God.राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट अंतकाल पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट
उठा बगुला प्रेम का तिनका चढ़ा अकास। तिनका तिनके से मिला तिन का तिन के पास॥
जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल। तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥

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